कोई हाथ
Meri kavita
28 जून 2020
कभी राह चलने के लिए कोई हाथ
कभी उदासी के लिए किसी का साथ
अपने आंसुओ को पोछने के लिए कोई हाथ
कभी जाम लगाने को किसी का साथ
दुखों के दल दल से निकलने को कोई हाथ
अपना हाले दिल सुनाने को किसी का साथ
कभी साथ चाहिए
कभी हाथ चाहिए
कियूं इतनी है मज़बूरी
ख़ुदा ने तुझको तराशा है
बडी मशक्क्त से
दो हाथ देने के पीछे कोई तो राज़ है
ज़िस्म दिया है तो रूह
Comments
Post a Comment